सोनीपत: प्राकृतिक खेती अपनाने की आवश्यकता: राज्यपाल आचार्य देवव्रत

उत्पादन बढ़ाने के प्रयास में हम ज़मीन की उर्वराशक्ति कम कर रहे हैं इससे कैंसर, शुगर, और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की समस्याएं बढ़ रही हैं। भावी पीढ़ियों को शुद्ध जल, भोजन, हवा प्रदान करने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनानी होगी।

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  • कीटनाशकों के प्रयोग से कैंसर, शुगर, और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की समस्याएं बढ़ी

सोनीपत, (अजीत कुमार): गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक खेती अपनाने की आवश्यकता है। खेतों में अंधाधुंध खाद और कीटनाशकों के प्रयोग पर चिंता का विषय है। उत्पादन बढ़ाने के प्रयास में हम ज़मीन की उर्वराशक्ति कम कर रहे हैं इससे कैंसर, शुगर, और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की समस्याएं बढ़ रही हैं। भावी पीढ़ियों को शुद्ध जल, भोजन, हवा प्रदान करने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनानी होगी।

Sonipat: Need to adopt natural farming: Governor Acharya Devvrat
सोनीपत: आचार्य देवव्रत ने मुरथल स्थित दीन बंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित प्राकृतिक कृषि संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए, आचार्य देवव्रत ने मुरथल स्थित दीन बंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित प्राकृतिक कृषि संवाद कार्यक्रम में प्रतिभागियों के साथ।

आचार्य देवव्रत ने मुरथल स्थित दीन बंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित प्राकृतिक कृषि संवाद कार्यक्रम में किसानों को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कि केंद्र सरकार पूरे देश में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है। किसानों को यह भी जानना है कि प्राकृतिक खेती से नुकसान होने की भ्रांति गलत है। हरियाणा के कई किसानों ने इस प्रमाण दिया है।

उन्होंने चेतावनी दी कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अधिक प्रयोग कैंसर जैसी बीमारियों की वृद्धि कर रहा है। उदाहरण स्वरूप, भठिंडा क्षेत्र में कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के कारण वहां कैंसर रोगियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि वहां से बीकानेर के लिए चलने वाली ट्रेन को कैंसर ट्रेन कहा जाता है।

प्राकृतिक खेती के लाभ बताते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि जीवामृत के प्रयोग से न केवल धरती की उर्वरता बढ़ती है, बल्कि इससे खतरनाक रसायन शरीर में नहीं जाते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

कार्यक्रम में किसानों द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें उनके उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

 

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