सोनीपत: पहलवान रौनक का सवर्ण पदक जीतने पर शानदार स्वागत

मंगलवार को अपनी जीत के बाद रौनक ने बताया कि उसका प्रशिक्षण छत्रपाल स्टेडियम में चल रहा है। उनके पिता जयबीर दहिया और माता बबीता देवी दोनों ही उसके कोच हैं। गांव के अखाड़े में कुश्ती खेलना शुरु किया।

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सोनीपत, (अजीत कुमार): सोनीपत गांव बिंदरौली के कोच मां बबीता दहिया और कोच पिता जयबीर दहिया का पुत्र रौनक ने 7 जुलाई 2024 को रुद्रपुर, उत्तराखण्ड में अंडर 17 फ्री स्टाइल कुश्ती 110 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। खेल प्रेमियों ने विजेता पहलवान का शानदार स्वागत किया।

मंगलवार को अपनी जीत के बाद रौनक ने बताया कि उसका प्रशिक्षण छत्रपाल स्टेडियम में चल रहा है। उनके पिता जयबीर दहिया और माता बबीता देवी दोनों ही उसके कोच हैं। गांव के अखाड़े में कुश्ती खेलना शुरु किया।

रौनक की जीवनी
रौनक का जन्म 19 अगस्त 2007 को सोनीपत के गांव बिंदरौली में हुआ था। वह फ्री स्टाइल कुश्ती और ग्रीको रोमन दोनों में खेलते हैं। रौनक ने अपनी पहलवानी की शुरुआत 2017 में की। वे 5-6 साल के थे, तभी से गांव की मिट्टी में खेलते थे और पहलवानी सीखते थे। उनके पिता जयबीर सिंह खुद एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान रह चुके हैं और वर्तमान में छत्रशाल स्टेडियम में बतौर कोच के रूप में कार्यरत हैं। वे अंतरराष्ट्रीय कैटेगरी ए के रेफरी हैं और विभिन्न देशों में कुश्ती प्रतियोगिताओं में रेफरी के रूप में भाग लेते रहते हैं।

रौनक के टाइटल और पदक
बाल केसरी: 9 नवंबर 2017, किंग्जवे कैंप विजय नगर, हिमाचल केसरी: 16 सितंबर 2023, सोलन, पंजाब केसरी: 8 जून 2023, साधुपुर में टाइटल मिले हैं।

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उपलब्धियां: 2024 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: जॉर्डन में कांस्य पदक, 2023 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: टोरी पैलेस में रजत पदक, 2023 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: बिश्केक, किर्गिस्तान में कांस्य पदक, 2024 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप: नोएडा में स्वर्ण पदक, 2023 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप: गोंडा में स्वर्ण पदक, 2023 नेशनल स्कूल गेम्स: दिल्ली में स्वर्ण पदक, 2022 कुश्ती फेडरेशन कप: दिल्ली में स्वर्ण पदक, 2020 नेशनल स्कूल गेम्स: दिल्ली में स्वर्ण पदक जीते हैं। रौनक के इन उपलब्धियों ने उनके गांव और देश का नाम रोशन किया है। उनके कोच माता-पिता की मेहनत और उनके अपने जुनून का यह नतीजा है। रौनक का यह सफर प्रेरणा देने वाला है और उनकी मेहनत और लगन को सलाम।

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