सोनीपत: संत परम्परा के प्रवर्तक संत कबीरदास जी मानवता के अमर नायक : सतपाल ब्रह्माचारी
विधायक सुरेन्द्र पंवार नें कहा की संत कबीरदास जी ने हमेशा इंसानियत को सर्वोपरि समझा। संत कबीरदास जी ने उस समय सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, जब समाज सैकड़ों कुरीतियों की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। उनका मानना था कि इंसान जाति, धर्म, वर्ण या वर्ग से नहीं बल्कि अपने गुणों से बनता है।
- संत कबीरदास जी की 627वीं जयंती यूनिक गार्डन में धूमधाम से मनाई गई
सोनीपत, (अजीत कुमार): सोनीपत लोकसभा से सांसद पंडित सतपाल ब्रह्मचारी नें कहा कि संत गुरू कबीरदास जी 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि व संत थे। संत परम्परा के प्रवर्तक संत कबीरदास जी मानवता के अमर नायक है। वे संकीर्ण मानसिकता की दीवार तोड़कर, वैचारिक उद्धारता के साथ विश्व बंंधुत्व की भावना से ओत-प्रोत होकर मानवीय एकता का शंखनाद करते है। उनके संदेश वर्ग विशेष और समाज विशेष के लिए नहीं है, बल्कि मानवता की चादर ओढ़ने वाले उन सभी लोगों के लिए है जो भेदभाव विहिन समाज की स्थापना चाहते है। मुरथल रोड स्थित यूनिक गार्डन में आयोजित संत कबीरदास जी की 627वीं जयंती समारोह में सांसद सतपाल ब्रह्मचारी जी क्षेत्रवासियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सोनीपत से विधायक सुरेन्द्र पंवार नें की।
विधायक सुरेन्द्र पंवार नें कहा की संत कबीरदास जी ने हमेशा इंसानियत को सर्वोपरि समझा। संत कबीरदास जी ने उस समय सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, जब समाज सैकड़ों कुरीतियों की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। उनका मानना था कि इंसान जाति, धर्म, वर्ण या वर्ग से नहीं बल्कि अपने गुणों से बनता है।
महापुरुषों की जयंती मनाने का उद्देश्य यही है कि आने वाली पीढ़ी अच्छे विचारों को अपने जीवन में धारण करे। सभी धर्म, जाति व समुदायों की धारा भले ही अलग-अलग हो, लेकिन सभी का रास्ता मानवता की ओर जाता है। अपने देश में जितने भी ऋषि-मुनि व महापुरुष हुए हैं, उन सभी ने मानवता का पाठ पढ़ाया है। संत कबीरदास जी ने सभी धर्मों को एक सूत्र में बांधने का काम किया। अपने जीवनकाल में कई सामाजिक बुराइयों पर जमकर प्रहार किया। संत कबीरदास द्वारा दिखाए मार्ग पर चलना ही उनकों सच्चा नमन होगा।
कबीरदास जी ऐसे गुरु रहे हैं जिनका अनुसण मानव का कल्याण करता है। संत कबीरदास ऐसे संत थे जिन्होंने कभी कलम को छुआ तक नहीं फिर भी उन्होंने अपने अनुभव से समाज को नई दिशा देने का काम किया। उन्होंने कहा की आज भी उनका दोहा ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होए, समाज को एक-दूजे से मीठी वाणी बोलेन व मर्यादा से बात करने का संदेश देता है। उनका अनुभव आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था। उन्होंने मानव धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया, आडम्बर, अंधविश्वास, धर्म परिवर्तन, मूर्ति पूजा का कड़ा विरोध किया।
उन्होंने जो संदेश दिया वह सदा अमर रहेगा, आने वाली पीढ़ी को भी संतों के संदेशों का अनुसरण करके आगे बढऩा चाहिए। आज उनकी जयंती पर हम सभी को संकल्प लेना होगा कि संत कबीरदास जी के योगदान व उनके दिखाए मार्ग को हम जन-जन तक पहुंचायेगे, तभी एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते है।
इस दौरान पूर्व विधायक पदम् दहिया, सुरेंद्र छिकारा, पार्षद सुरेंद्र नेयर, कुलदीप खासा, अनिल नगर, मोनिका नगर, आरके पोरिया, भलेराम जांगड़ा, पवन गर्ग राजकुमार कटारिया, दयानद वाल्मीकि, नवीन पार्षद, संजय पूर्व पार्षद, विजेंद्र मलिक पार्षद नीतू दहिया पार्षद सूर्य दहिया पार्षद सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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