कवि दलीचंद जांगिड सातारा की कलम से: बुढापे में हुई पति-पत्नी में थोड़ी अनबन…..
मैं तुम्हारी आज्ञकारी धर्म पत्नी हूँ पिया मुझे अब क्यूँ भूल गये हो बुढ़ापे में पिया।
बुढापे में हुई पति-पत्नी में थोड़ी अनबन…..
======================
मैं तुम्हारी आज्ञकारी धर्म पत्नी हूँ पिया
मुझे अब क्यूँ भूल गये हो बुढ़ापे में पिया
मैं पंचवीसी से छाठवी तक वादें निभाती आयी हूँ
यौवनकाल में कहते थे हम ना होंगे जूदा कभी
प्यार प्रेम से बंद कमरे में हंसते हंसाते कहते थे
हमारे दो जिस्म है फिर भी हम में एक है जान
क्या हुआ जो अब यह कहना छोड़ दिया
क्या सारा प्यार प्रेम यौवन में हि मुझ पर लूटा दिया….?
संसारिक जबाब देहि में साथ रहे
लालन-पालन बच्चों का किया
पढ़ा लिखाकर पैरों पर खड़ा किया
ब्याव – शादी की कर तैयारी सब रस्में निभाई थी
वो भी क्या जमाना था जब तुम आवाज देते थे
अहो सुनती हो क्या पपू की मम्मी
ओ भाग्यवान अपने घर में मेहमान आएं है
अतिथी सत्कार को मैं भी हरपल तैयार थी
अब बुढ़ापे में क्यूँ दूरियाँ कर दी पिया तुमने
मैं हरदम सेवा आपकी करने तैयार थी मैं
यौवन की लाखों कहानियाँ है मन मेरा
क्यूँ ऊब गये हो ढलती उम्र में मन तेरा
तुमने हाथ मेरा बड़ी चाह से मांगा था
मैंने भी व्रत रखा था तुम्हें पाने को,
सात जन्मों जन्म का साथ मांगा था
सात फैरे अग्नि को रख साक्षी लिया था
पिया जन्मभर साथ निभाने का वादा किया था
आप ओर हम कितनी रातें जागकर बिताई थी
कितनी कहानियाँ प्रेमभरी कान में सुनाई थी
क्यूँ अब बुढ़ापे में रुठ गएं हो पिया
मैं हूं हरदम सेवा में खड़ी आपके साथ
पानी गिलास दवाई की गोली लिए हाथ
हां मैं संस्कारों को कर ग्रहण सुशिक्षित नारी हूँ
अब क्यूँ मुख मोड़े हो, मैं तुम्हारी धर्म पत्नी हूँ
बुढ़ापे में क्यूँ नाराज हो गए हो पिया
उम्र गुजर गई अब सारी, साठ बर्ष हो गये पार
साथ जिएंगे साथ मरेंगे, कस्में हमने खाई थी
जीने के चार दिन शेष है मेरे पतिदेव
बुढ़ापे में जीने के लिए चार दिन बहुत होते है
अब भूल – चूक माफ करो मेरे पतीदेव
दो जिस्म है फिर भी उसमें एक है जान
वादा अब तो पुराना निभाओ जी….
अब क्यूँ रुठ गये हो पिया…?
अब क्यूँ रुठ गएं…..❓
अब मान भी जाओ ना मेरे पतिदेव
मान भी जाओ ना पालनहार….
======================
जय श्री ब्रह्म ऋषि अंगिरा जी की
लेखक/कवि: दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मो: 9421215933
Gyanjyotidarpan.com पर पढ़े ताज़ा व्यापार समाचार (Business News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट ज्ञान ज्योति दर्पण पर पढ़ें।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े
Gyan Jyoti Darpan
Comments are closed.