सोनीपत: बच्चों के कैंसर को ठीक करने के लिए चाहिए समर्पित टीम, हर सुविधाओं से लैस सोनीपत का एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल

एड्रोमा कैंसर हॉस्पिटल में 100 से ज्यादा बेड कैंसर मरीजों के लिए ही समर्पित हैं। अस्पताल के पास बच्चों के कैंसर की स्पेशलिस्ट के रूप में पीडिएट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर ऊष्मा सिंह हैं, जो हेमेटोलॉजिस्ट भी हैं और अस्पताल के बच्चों के कैंसर विभाग को लीड करती हैं।

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सोनीपत, (अजीत कुमार): सोनीपत के कुंडली स्थित एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में पीडिएट्रिक ऑन्कोलॉजी एंड हेमेटोलॉजी की डायरेक्टर डॉक्टर ऊष्मा सिंह बच्चों में कैंसर की समस्या पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैंसर हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में लेता है, यहां तक कि बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। बच्चों में कैंसर का इलाज अलग तरीके से किया जाता है। इसमें मरीज यानी बच्चे के साथ उसके परिवार और माता-पिता को पर्सनलाइज्ड केयर की जरूरत पड़ती है। लेकिन बच्चों के कैंसर के इलाज इस तरह की डेडिकेटेड सुविधाएं आमतौर पर हर अस्पताल में उपलब्ध नहीं रहती हैं।

एड्रोमा कैंसर हॉस्पिटल में 100 से ज्यादा बेड कैंसर मरीजों के लिए ही समर्पित हैं। अस्पताल के पास बच्चों के कैंसर की स्पेशलिस्ट के रूप में पीडिएट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर ऊष्मा सिंह हैं, जो हेमेटोलॉजिस्ट भी हैं और अस्पताल के बच्चों के कैंसर विभाग को लीड करती हैं। बच्चों में कैंसर के मामले कुल कैंसर के 4 प्रतिशत होते हैं। अच्छी बात ये है कि ज्यादा उम्र वाले लोगों की तुलना में बच्चों में कैंसर को ठीक करने का रेट ज्यादा रहता है।

ल्यूकीमिया: इसे ब्लड कैंसर भी कहते हैं जिसके कई रूप होते हैं। बच्चों में होने वाले कैंसर में एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया सबसे आम होता है।

ब्रेन एंड सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर: इसमें एस्ट्रोसाइटोमा, मेडुलोब्लास्टोमा और एपेंडायमोमा जैसे कैंसर होते हैं।

न्यूरोब्लास्टोमा: ये कैंसर अपरिपक्व नर्व सेल्स के पनपने से होता है और ज्यादातर एड्रेनल ग्लैंड में होता है। हालांकि, ये रीढ़, सीने, पेट या पेल्विस में नर्व टिशू में भी पनप सकता है।

विल्म्स ट्यूमर: इसे नेफ्रोब्लास्टोमा भी कहा जाता है। यह एक किडनी कैंसर होता है जो आमतौर पर 3 से 4 साल की उम्र के बच्चों में होता है।

लिम्फोमा: हॉजकिन और नॉन हॉजकिन लिम्फोमा दोनों ही बच्चों में पनप सकते हैं।

रैब्डोमायोसार्कोमा: यह एक ऐसा कैंसर है जो सॉफ्ट टिशू जैसे मसल्स में पनपता है। यह बच्चों में सबसे आम सॉफ्ट टिशू सार्कोमा में से एक है।

रेटिनोब्लास्टोमा: यह एक दुर्लभ प्रकार का आई कैंसर होता है जो रेटिना में होता है। यह आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है।

बोन कैंसर: ओस्टियोसार्कोमा और इविंग सार्कोमा दो प्रकार के हड्डी के कैंसर हैं जो बच्चों और किशोरों में होता है।

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बच्चों के कैंसर को एडल्ट कैंसर की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें आनुवंशिक संरचना का बिल्कुल अलग सेट होता है जो घातक होता है। साथ ही इलाज का रिएक्शन और आक्रामकता भी पूरी तरह अलग होती है।

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