सोनीपत: केएमपी एक्सप्रेस वे–44 हाई रेज्यूलेशन कैमरों से होगी निगरानी
केएमपी हरियाणा के वरिष्ठ प्रबंधक राज कुमार चावला इस बारे में बताया कि फास्टैक से संबंधित चिटिंग रोकी जाएगी, जिसमें ट्रक व अन्य हैवी वाहनों ने टोल कम देने के चक्कर में ट्रक पर लाइट व्हीकल के फास्टैग लगाए हुए हैं। जिससे एचएसआईआईडीसी को नुकसान हो रहा था। हाईटैक कैमरों से ऐसे वाहनों को पकड़ा जा सकेगा। जिससे सरकार की आय बढ़ेगी।
- अवैध पार्किंग व ओवरलोडिंग, चिटिंग, रोकने पर 31 करोड़ रुपए खर्च होंगे
सोनीपत, (अजीत कुमार): हरियाणा क्षेत्र में 135 किलोमीटर लंबे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे पर वाहन चालकों द्वारा की जाने वाली चिटिंग को पकड़ने व सड़क दर्घटनाओं को रोकने के लिए 31 करोड़ रुपए की राशि से हाई रेज्यूलेशन तकनीक युक्त 44 कैमरे लगाने का कार्य किया जा रहा है। लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। मार्च 2024 के आखिर तक यह कार्य पूरा किया जाना है। लगभग 80 हजार से 1 लाख वाहन केएमपी का प्रयोग करते हैं। जिसमें अच्छी खासी संख्या लोडेड वाहनों की होती है। हर टोल की इंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर 44 कैमरों की व्यवस्था के बाद कई तरह की सुविधाऐं मिलेंगी। जिससे टोल कंपनी, सरकार व वाहन चालकों को इसका फायदा मिलेगा।
केएमपी हरियाणा के वरिष्ठ प्रबंधक राज कुमार चावला इस बारे में बताया कि फास्टैक से संबंधित चिटिंग रोकी जाएगी, जिसमें ट्रक व अन्य हैवी वाहनों ने टोल कम देने के चक्कर में ट्रक पर लाइट व्हीकल के फास्टैग लगाए हुए हैं। जिससे एचएसआईआईडीसी को नुकसान हो रहा था। हाईटैक कैमरों से ऐसे वाहनों को पकड़ा जा सकेगा। जिससे सरकार की आय बढ़ेगी।
केएमपी पर सड़क हादसों की मुख्य वजह अवैध पार्किंग हैं। कैमरों की मदद से केएमपी पर जो वाहन अवैध रूप से खड़ें होगे उन्हें कैमरों की मदद से ट्रेस किया जा सकेगा और वहां पर पुलिस भेजकर उनके चालान किए जा सकेंगे। केएमपी पर सड़क दुर्घटना के बाद आरोपी वाहन लेकर फरार हो जाता है, जिसे बाद में ट्रेस करने में पुलिस को परेशानी होती है। पूरे केएमपी पर कैमरों की सुवधा होने से ऐसे वाहनों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। केएमपी का प्रयोग इंडस्ट्री में माल लाने व ले जाने के लिए भी प्रयोग होता है, कई वाहन चालक यातायात नियमों को उलंघन करके ओवरलोड होते हैं। ऐसे वाहनों को पकड़ने में मदद मिलेगी और उनके चालान किए जा सकेंगे। जब कैमरों की निगरानी रहेगी तो सड़क हादसा स्थल की कैमरों की मदद से तत्काल सुचना मुख्यालय पहुंचेगी और सेफ्टी टीम व एंबुलेंस भेजकर घायलों को इलाज जल्द कराने में मदद मिलेगी। केएमपी पर 5 जिलों की पुलिस की निगरानी है, जिनमें सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, नूहं व पलवल, हाईटैक योजना से लाभ मिलेगा। क्राइम करके केएमपी के रास्ते जो लूट की वारदातें होती हैं, ऐसे क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी। कर्मचारियों की आसानी से निगरानी हो सकेगी।
चावला ने बताया कि प्रदेश में सबसे महंगी टोल प्रणाली व्यवस्था केमएपी पर है, इस टोल को बचाने के लिए वाहन चालक तरह-तरह के प्रयास करते हैं, अवैध कटों का प्रयोग होता है। टोल बूथों पर भी बहस करते हैं। ऐसे वाहनों पर भी नजर रखी जा सकेगी। पहले चरण में 31 करोड़ रुपए की लगात से 44 हाई रेज्यूलेशन कैमरे लगाए जा रहे हैं। अगले महीने मार्च के अंत तक यह कार्य पूरा हो जाएगा। जिससे वाहन चालकों की सुविधाऐं तो बढ़ेगी ही, साथ ही केएमपी पर होने वाले हादसे व लूटपाट की वारदातों में भी कमी आएगी। सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा। सुविधाओं में काफी मदद मिलेगी।
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