गुरुकुल विद्यापीठ जीन्द का तीन दिवसीय गुरुकुलोत्सव: गुरुकुल परम्परा के पुन: उत्थान का संकल्प लिया: आचार्य विजय पाल
श्रुति विज्ञान गुरुकुल के आचार्य वेद व्रत ने वेद और विज्ञान विषय पर अपना वकतव्य प्रदान किया। सभा में मौजूद श्रोताओं के लिए इस तरह का वक्तव्य संजीव बूटी के समान था। गुरुकुल विद्यापीठ के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने संगोष्ठी में पधारे समस्त विद्वानों को उत्तरीयवस्त्रों से अभिनन्दन किया।
- अखिल भारतीय संस्कृति एवं संस्कृति संरक्षण संघ की ओर से गुरुकुल संगोष्ठी
जींद, (अजीत कुमार): गुरुकुल विद्यापीठ गोहाना रोड जीन्द में तीन दिवसीय गुरुकुलोत्सव में शनिवार को हरियाणा प्रांत के गुरुकुलों के अध्यक्ष, संचालक, प्राचार्य गुरुकुल विद्यापीठ संगोष्ठी में शामिल हुए, उन्होंने अपने-अपने विचार रखें। श्रुति विज्ञान गुरुकुल के आचार्य वेद व्रत ने वेद और विज्ञान विषय पर अपना वकतव्य प्रदान किया। सभा में मौजूद श्रोताओं के लिए इस तरह का वक्तव्य संजीव बूटी के समान था। गुरुकुल विद्यापीठ के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने संगोष्ठी में पधारे समस्त विद्वानों को उत्तरीयवस्त्रों से अभिनन्दन किया।
अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा पद्धति को समाप्त किया
गुरुकुल झज्जर के अधिष्ठाता आचार्य विजय पाल ने अपने संबोधन में कहा कि मैकाले ने भारतीय संस्कृति को समाप्त किया है। मुगल एवं अंग्रेजी शासन से पूर्व लाखों की संख्या में भारत में गुरुकुल थे। परन्तु मैकाले की नीति के कारण सभी गुरुकुल समाप्त हो गए। महर्षि दयानंद, श्रद्धानंद एवं स्वामी विवेकानंद जी ने गुरुकुलों के अस्तित्व को पुन: गौरव प्रदान किया। अब परिवर्तन का समय है। वसुदेव कुटुम्बकम की भावना से विश्व संचालित हो रहा है। इसलिए गुरुकुलीय पद्धति का पुन: उत्थान हो रहा है। भारत में स्थित समसत गुरुकुल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम कर रहें है।
जींद: गुरुकुल विद्यापीठ गोहाना रोड पाण्डु पिण्डारा के तीन दिवसीय गुरूकुलोत्सव का शुभारम्भ
गुरुकुल संगोष्ठी का होना जींदवासियों के लिए बहुत बड़ा उपहार: प्रतिनिधि राजन चिलाना
संगोष्ठी में विधायक कृष्ण लाल मिढ़ा के प्रतिनिधि राजन चिलाना शामिल हुए और कार्यक्रम की प्रसंशा करते हुए जींद की धरती पर गुरुकुल संगोष्ठी का होना जींदवासियों के लिए बहुत बड़ा उपहार है। संगोष्ठी में गोहाना से उद्यम सिंह, गुरुग्राम से डॉक्टर अमित कुमार, झज्जर से डॉक्टर अनिल योगाचार्य, अगवानपुर गन्नौर से महेश कुमार, रोहतक से कर्मवीर तोमर, पटौदी से डॉक्टर रविंद्र, कैथल से अनिल, हिसार से आचार्य सुरेश आदि ने गुरुकुल संचालकों ने संकल्प लिया कि गुरु परम्परा को जीवंत करेंगे।
वेदों ने हमें सूत्र दिए हैं: आचार्य वेदव्रत
शाहबाद से आए आचार्य वेदव्रत ने कहा कि पूरे विश्व में जो भी ज्ञान, विज्ञान, ज्योतिष है, उसका मूल भारत के वेदों में है। हमें इसको समझना और समझाना है कि यदि 360 डिग्री का एक वृत बना तो वह क्यों बना? यदि सप्ताह में 7 दिन हुए तो वह किसने दिए? धरती जब सूर्य का चक्कर लगाती है तो इसका आधार वेदों ने दिया, गणना का तरीका बताया, वेदों ने हमें सूत्र दिए हैं। हम संकल्प लें कि भारतीय पौराणिक गुरुकुल परंपरा शिक्षा पद्धति को आधुनिक तरीके से आगे बढ़ाएंगे।
क्योंकि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है: पीठाधीश्वर राजेश स्वरूप महाराज
पीठाधीश्वर राजेश स्वरूप महाराज ने कहा कि गुरुकुल परंपराएं आधुनिक दौड़ में इसलिए पिछड़ी कि हमने प्रकृति के परिवर्तन के नियम को स्वीकार नहीं किया। आज गुरुकुल हाईटेक हो रहे हैं, टेक्नोलॉजी को अपना रहें हैं। अपने वेदों के जो सिद्धांत हमें मिला है, उसे लेकर आगे बढ़ना है। गौर कीजिए अंतरिक्ष के अंदर जब यान छोड़े गए और वहां पर सारी भाषाएं कुछ दूरी के बाद सम्पर्क स्थापित करने में असमर्थ रही। तब संचार के लिए संस्कृत भाषा का सहारा लिया गया। संस्कृत भाषा जब उसमें प्रयोग में लाई गई। अंतरिक्ष से धरती पर संचार होने लगा, क्योंकि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। यह हमारे वेदों की शक्ति है, यह हमारे वेदों का ज्ञान है, यह हमारे वेदों के विज्ञान है, इसी को हमें समझना होगा और एक नई शक्ति के साथ में, नई ऊर्जा के साथ में इसे बेहतर स्वरूप के साथ जागृत करने की आवश्यकता है।
आचार्यों ने भारतीय संस्कृति को जीवंत करने का उपकार किया: पंडित उमेश
जींद विधानसभा क्षेत्र के विधायक कृष्ण लाल मिड्ढा के प्रतिनिधि डॉ. राजन चिलाना ने संगोष्ठी में उपस्थित होकर आचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया। अखिल भारतीय संस्कृति एवं संस्कृति संरक्षण संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम उनको एक पत्र दिया गया। विशेष अतिथि गोहाना से पंडित उमेश शर्मा ने कहा कि जो हमारे आचार्य भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का परोपकार कर रहे हैं। इनको भविष्य में याद रखा जाएगा। भारतीय संस्कृति और सभ्यता को इन्होंने नव जीवन दिया। संस्था की उपाध्यक्ष डॉ. कांता शर्मा, महेंद्र सिंह, सुरेंद्र शर्मा, दिशांत शर्मा, प्राचार्य राकेश वत्स, आचार्य अमन, एडवोकेट शिवेंदु भारद्वाज में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिक्षाविदों, आचार्यों, अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया।
फोटो में देखें कार्यक्रम
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