सोनीपत: मोटे अनाज को विश्व में पहचान देने के लिए केन्द्र सरकार की पहल: प्रो. सूद
प्रो. सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से विश्व 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रहा है। जी-20 सम्मेलन के दौरान आयोजित 220 कार्यक्रमों में भारतीय मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाज से बने व्यंजनों परोसे गए। इसकी सराहना हुई।
- जी-20 के दौरान देश में आयोजित 220 कार्यक्रमों में विदेशी प्रतिनिधियों ने भारतीय मोटे अनाज के व्यंजनों खाए
- वर्ष 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रही है दुनिया
- प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने निफ्टम में तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया
- मिलेट्स पर आधारित औद्योगिक ईकाइयों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी लगाई गई हैं
- मोटे अनाजों से स्वास्थ्य के साथ-साथ जल संरक्षण मिलता है:डॉ. त्रिलोकचन महापात्रा
सोनीपत: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कुण्डली स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टम) में मिलेट्स (मोटा अनाज) को पोषण और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि भारत सरकार में प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने गुरुवार को शुभारंभ किया।
प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि भारतीय मोटे अनाज को विश्व स्तर पर अलग पहचान देने के लिए केन्द्र सरकार अनेक प्रयास किए हैं। मोटे अनाजों की बहुत ज्यादा डिमांड है इसलिए देश के उद्योगपति और किसान इस क्षेत्र में आगे बढऩे का प्रयास करें ताकि वो आर्थिक रूप से मजबूत हो सके।
प्रो. सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से विश्व 2023 को मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रहा है। जी-20 सम्मेलन के दौरान आयोजित 220 कार्यक्रमों में भारतीय मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाज से बने व्यंजनों परोसे गए। इसकी सराहना हुई। जी-20 के दौरान राष्ट्रपति द्वारा सम्मेलन में आने वाले राष्ट्र अध्यक्षों को दिए गए प्रतिभोज में मोटे अनाज के व्यंजन शामिल किए गए।
मिलेट्स की दो व्यापक श्रेणियां हैं- मेजर या मुख्य मिलेट्स और माइनर या छोटे मिलेट्स. बाजरा, ज्वार, रागी और कंगनी मुख्य मिलेट्स की श्रेणी में आते हैं और समा, कोदो, चिन्ना इत्यादि को छोटे मिलेट्स माना जाता है। हर एक मिलेट का अपना महत्व है जैसे कि बाजरा, कैल्शियम से भरा होता है, ज्वार में पोटेशियम और फास्फोरस होता है, और कंगनी में फाइबर होता है जबकि कोदो आयरन से भरपूर होता है। प्रो. अजय कुमार सूद ने मिलेट्स के क्षेत्र में कार्य कर रहे किसान व उद्योगपतियों द्वारा निफ्टम में लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया।
किसानों के अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसी साल लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए देश में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने तथा भारत को पूरे विश्व में सबसे बड़ा अनाज निर्यातक देश बनाने के लिए श्री अन्न योजना की शुरू की है। किसानों को मोटे अनाज उत्पादन करने के क्षेत्र से जुड़े उद्योग आगे बढेंगे। मोटे अनाज मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद, पानी की बचत होती है। जल संरक्षण के लिए मोटे अनाजों की खेती महत्वपूर्ण है। मिलेट्स पर आधारित मिलेट् मार्वल पुस्तक तथा संस्थान पत्रिका का विमाचन किया गया।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव प्रीतपाल सिंह, निफ्टम संस्थान के निदेशक डॉ. हरेन्द्र सिंह ओबराय, निफ्टम की प्रोफेसर डॉ. अनुपमा सिंह सहित अनेक देशों से आए प्रतिनिधि व निफ्टम में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं व शिक्षक उपस्थित रहे।
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