सोनीपत: औद्योगिक इकाइयों व बड़े संस्थानों में डीजल जेनरेटर सैट के प्रयोग में नियमों की करें पूर्ण अनुपालना: उपायुक्त

औद्योगिक इकाइयों के साथ बड़े संस्थानों में डीजल सैट के प्रयोग को लेकर लागू किये गये नियमों की पूर्ण अनुपालना करवाने के उद्देश्य से लघु सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त डा. मनोज कुमार कर रहे थे।

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  • 1 अक्तूबर से शुरू होगा ग्रैप, जिसमें डीजल जेनरेटर सैट के लिए लागू नियमों की न हो उल्लंघना
  • औद्योगिक इकाइयों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए उठायेेंगे हर संभव कदम: उपायुक्त डा. मनोज कुमार

सोनीपत: उपायुक्त डा. मनोज कुमार ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों तथा बड़े संस्थानों में डीजल जेनरेटर सैट के प्रयोग में नियमों की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित की जाए। जहां भी डीजल के जेनरेटर सैट प्रयोग में लाये जाते हैं वहां पर नियमों की उल्लंघना नहीं होनी चाहिए। विशेष रूप से ग्रैप टाईमिंग में नियमों की अनुपालना का खासतौर पर ध्यान रखा जाए, ताकि पर्यावरण संरक्षण को बल मिले।

औद्योगिक इकाइयों के साथ बड़े संस्थानों में डीजल सैट के प्रयोग को लेकर लागू किये गये नियमों की पूर्ण अनुपालना करवाने के उद्देश्य से लघु सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त डा. मनोज कुमार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की मजबूती के लिए 1 अक्तूबर से ग्रैप (ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान) शुरु हो रहा है। ग्रैप की टाईमिंग के दौरान डीजल जेनरेटर सैट के प्रयोग के लिए विशेष नियम लागू होंगे, जिनकी अनुपालना जरूरी है।

इस दौरान उपायुक्त ने उद्योगपतियों की सुनवाई भी की, जिसमें बिजली की निर्बाध आपूर्ति व अघोषित कट न लगवाने की मांग रखी गई। उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में निश्चित तौर पर कदम बढ़ाये जायेंगे। इसके लिए वे स्वयं अलग से बिजली निगम के अधिकारियों की बैठक लेंगे, जिसमें बिजली आपूर्ति के सुधार पर चर्चा की जाएगी। गैस सप्लाई के लिए भी वे संबंधित अधिकारियों के साथ अलग से बैठक करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में प्रयोग किये जाने वाले डीजल जेनरेटर सैट में 30 सितंबर तक सीएक्यूएम लगवाना सुनिश्चित करें।

उपायुक्त के निर्देश पर इस संदर्भ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाइयों में एलपीजी, नेचुरल गैस व विभिन्न प्रकार की गैस के प्रयोग को लेकर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं है और न ही कोई प्रतिबंध है। उन्होंने जानकारी दी कि 19 किलोवाट तक के डीजल जेनरेटर सैट के प्रयोग को लेकर कोई प्रतिबंध है, जिनका प्रयोग पूरा वर्ष किया जा सकता है। इसके बाद 19 किलोवाट से 125 किलोवाट तक के डीजल सैट को ड्यूल फ्यूल मोड पर करवाना जरूरी है, जिसमें 70 प्रतिशत गैस तथा 30 प्रतिशत डीजल का प्रयोग होगा। ग्रैप के समय ऐसे डीजल सैट को दो घंटे तक प्रयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 800 किलोवाट के डीजल सैट इंडस्ट्री में ही प्रयोग किये जाते हैं, जिनमें सीएक्यूएम सिस्टम (कमिशन फोर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग अथॉरिटी) लगवाना आवश्यक है, जिसके बाद संंबंधित इंडस्ट्री को नियमों में छूट मिल जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि 800 किलोवाट से ऊपर के डीजल सैट को ग्रैप टाईमिंग में दो घंटे ही चलाने की अनुमति मिलेगी। सीएक्यूएम अथवा रैट्रो फिटिंग सिस्टम लगवाना जरूरी है।

बैठक में नगराधीश डा. अनमोल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह, एसडीओ रविंद्र सिंह, मंजीत दहिया, डा. गीता दहिया,उद्योगपति श्रीभगवान गुप्ता, सुभाष गुप्ता, राकेश देवगन आदि उद्योगपति व अधिकारी मौजूद थे।

 

 

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