दीपक आहूजा वालों की कलम से: वास्तविकता का आभास

Title and between image Ad

वास्तविकता का आभास

सरलता से होता है, वास्तविकता का आभास,
करने वाला ईश्वर है, क्यों न करूँ फिर विश्वास।

कुम्हार का हाथ चले चाक पे, निरंतर अविरल,
कृपानिधान की कृपा है, कुम्हार दिखे सफल।

दो हाथों के कृत की माया से, संसार वशीभूत,
अपने आप में यूँ खोया है, परमेश्वर गया छूट।

जीवन की गाड़ी का चालक, अंतर्मन के है पार,
निस-दिन व्यापक रोम-रोम में, सत्य का प्यार।

प्रतीक्षा में खड़े सब मनुष्य, सभी संगी साथी,
प्रकाश भये अंधियारा कटे, ये नैन दीया बाती।

युग-युग बरसे अमीरस धारा, चख कर जानो,
प्रभु बनाएँ, मिट्टी का कुम्हार, देखो और मानो।

Gyanjyotidarpan.com पर पढ़े ताज़ा व्यापार समाचार (Business News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट ज्ञान ज्योति दर्पण पर पढ़ें।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े Gyan Jyoti Darpan

Connect with us on social media

Comments are closed.