मुंडलाना में खापों की बड़ी पंचायत: सोनीपत के गांव मुंडलाना में कोई बड़ा फैसला नहीं हो पाया
भारतीय किसान यूनियन गुरनाम सिंह चढूनी ने बोलने से पहले उड़ीसा में रेल हादसे में मरने वाले लोगों के लिए 2 मिनट का रखा मौन रखा। चढूनी ने कहा बीजेपी नेताओं को गांव में घुसने से रोके, बेटियों की तरह घसीटने की तरह बीजेपी के नेताओ को गांव में से घसीट कर बाहर निकालें।
- निर्णय पहलवान लेंगे इसके लिए खिलाड़ी महापंचायत करेंगे
- मंच से पहलवान बजरंग पुनिया का ऐलान
सोनीपत: पहलवान बजरंग पुनिया ने रविवार को मुडलाना महापंचायत में कहा कि एक साथ जुड़ने की जरूरत है। मंच से खिलाड़ियों की पंचायत का किया ऐलान। उधर भाकियू नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि फैसला खिलाड़ी खुद लेंगे। एक पंचायत खिलाड़ियों की तरफ से रखी जाएगी। खिलाड़ियों द्वारा होने वाली पंचायत के लिए 3 से 4 दिन में तारीख और जगह बताई जाएगी।
पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर संघर्षरत महिला पहलवानों के समर्थन में रविवार को हरियाणा के सोनीपत के मुंडलाना गांव के स्टेडियम में महापंचायत हुई। इसमें हरियाणा पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, से किसान पहुंचे। महापंचायत में पहले से ऐलान सोचकर बैठे किसान नेता गुरनाम चढूनी के कोई भी ऐलान न करने की बजरंग पुनिया ने कहा कि खिलाड़ियों की अलग पंचायत की जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन गुरनाम सिंह चढूनी ने बोलने से पहले उड़ीसा में रेल हादसे में मरने वाले लोगों के लिए 2 मिनट का रखा मौन रखा। चढूनी ने कहा बीजेपी नेताओं को गांव में घुसने से रोके, बेटियों की तरह घसीटने की तरह बीजेपी के नेताओ को गांव में से घसीट कर बाहर निकालें। खिलाड़ियों की हर बात को फॉलो करेंगे। आंदोलन खिलाड़ियों का है। हल निकालने के लिए लंबी लड़ाई सड़क से संसद तक लड़नी पड़ेगी। महापंचायत में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पहुंचे साथ ही पंजाब से निहंग जत्था भी पहुंचा है।
आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उड़ीसा रेल हादसे पर सरकार को घेरा और कहा कि हरियाणा वीरो की भूमि है, गांव के लोगों ने अपने संगठन के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी है। लोग आपदा को भी अवसर देखते हैं, सरकार सुनिश्चित करें कि रेल हादसा क्यों हुई, सैकड़ों लोग मारे गए। देश की बेटियों की जाति ढूंढ़ी जा रही है। पहलवानों के साथ भी पहले दिन से साजिश रही है। बहुत कुछ बदल गया लेकिन अभी भी पुरुष प्रधान देश है। बिना मातृ शक्ति कुछ नही है,बेटियों को समाज में शर्मिंदगी होती है और कई बार अपनी बात नहीं रख पाती। भूपेंद्र हुड्डा ने बेटियों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है। ये राजनीतिक झगड़े की लड़ाई नहीं है, मैं पहले अपनी बहनों का भाई हूं। पूरी लड़ाई मान सम्मान की है। बृज भूषण और अजय सिंह टेनी जनता की नजर में दोषी हैं।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि महिला खिलाड़ियों के साथ हुआ, उसको देखकर खून खौलता था लोकतंत्र के मुताबिक उनके साथ रहेंगे। राजस्थान चुनाव में भी पहलवान पहंचेंगे तो बीजेपी वहां से हार जाएगी। लोग बेटियों की बेज्जती का बदला लेंगे। पुलवामा में शहीदों की मौत पर चुनाव लड़ा गया। बेटियों को समर्थन करने की अपील की। एमएसपी का कानून नहीं बनाया गया, दोबारा इसकी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
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