सोनीपत: कल्पना चावला विद्यापीठ पुस्तकालय में यज्ञ कर वेदों की स्थापना करी

निदेशक धर्मराज खत्री ने बताया कि विद्यालय में इस पहल को करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को वेदों के बारे में शिक्षा प्रदान करना है। प्रत्येक विद्यार्थी को हमारी पौराणिक संस्कृति, वैदिक ज्ञान का होना जरूरी है जिससे विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों की जागृति होगी तथा वह श्रेष्ठ इंसान बन सकेंगे।

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सोनीपत: खरखौदा के खांडा रोड़ स्थित कल्पना चावला विद्यापीठ में शनिवार को आचार्य सत्यवीर द्वारा मंत्रोउच्चारण यज्ञ द्वारा विद्यालय पुस्तकालय में वेदों की स्थापना की गई है।

विद्यालय प्राचार्या उषा वत्स द्वारा विद्यार्थियों को बताया गया कि हमारे चार वेद ग्रंथ होते हैं। जिनका नाम है ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद है। वेद शब्द संस्कृत भाषा के धातु से बना है। जिसका अर्थ होता है जानना । वेद का शाब्दिक अर्थ ज्ञान होता है। ऋग्वेद हमारा सबसे पुराना वेद है जो पदात्मक है, दूसरा वेद यजुर्वेद जिसमें विज्ञान शोध व उत्तम कर्म की प्रेरणा के बारे में बताया है, तीसरा वेद सामवेद यह संगीत से संबंधित वेद होता है तथा चौथा वेद अथर्ववेद है जिसमें जड़ी बूटियों, विद्याओं व आयुर्वेद का जिक्र मिलता है।

निदेशक धर्मराज खत्री ने बताया कि विद्यालय में इस पहल को करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को वेदों के बारे में शिक्षा प्रदान करना है। प्रत्येक विद्यार्थी को हमारी पौराणिक संस्कृति, वैदिक ज्ञान का होना जरूरी है जिससे विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों की जागृति होगी तथा वह श्रेष्ठ इंसान बन सकेंगे।

 

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