सोनीपत: केंद्र से केमिस्ट्री विभाग को मिली एक करोड़ 51 लाख रुपए की ग्रांट मिली

भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा फंड फॉर इंप्रूवमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर (एफआईएसटी) ने विश्वविद्यालयों से आवेदन मांगे थे। विश्वविद्यालयों द्वारा विभाग को लेकर प्रपोजल बनाकर भेजा गया। उसके बाद देश के 16 विश्वविद्यालयों के प्रपोजल को शार्ट लिस्ट किया गया। जिसमें डीसीआरयूएसटी,मुरथल का नाम भी शामिल था।

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  • विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने से देश में आर्थिक समृद्धि आएगी: कुलपति प्रो.अनायत
  • शोध के लिए नए उपकरण एक करोड 10 लाख रुपए से खरीदे जाएंगे

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के केमिस्ट्री विभाग को भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय की तरफ से एक करोड़ 51 लाख रुपए की ग्रांट मिली है। एक करोड़ 10 लाख रुपए से प्रयोगशाला के लिए शोध उपकरण खरीदे जाएंगे। बाकी राशि से विभाग के विकास किए जाएगें।

भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा फंड फॉर इंप्रूवमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर (एफआईएसटी) ने विश्वविद्यालयों से आवेदन मांगे थे। विश्वविद्यालयों द्वारा विभाग को लेकर प्रपोजल बनाकर भेजा गया। उसके बाद देश के 16 विश्वविद्यालयों के प्रपोजल को शार्ट लिस्ट किया गया। जिसमें डीसीआरयूएसटी,मुरथल का नाम भी शामिल था।

विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा फंड फॉर इंप्रूवमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर (एफआईएसटी) के 16 विश्वविद्यालयों को आईआईटी, इंदौर में प्रस्तुति के लिए बुलाया गया। डीसीआरयूएसटी की तरफ से केमिस्ट्री विभागाध्यक्षा प्रो.सुमन लता एफआईआईटी को लेकर प्रस्तुति दी। एफआईएसटी की फंडिंग को लेकर देश के 16 विशेषज्ञों की टीम ने डीसीआरयूएसटी की टीम से प्रपोजल के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई।

कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत ने केमिस्ट्री विभागाध्यक्षा प्रो.सुमनलता को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विभाग निरंतर विकास किया है। विश्वविद्यालय की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध के कारण होती है। इसलिए शोध में गुणवत्ता का होना आवश्यक है। विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने से देश आर्थिक तौर पर समृद्ध बन सकेगा।

केमिस्ट्री विभागाध्यक्षा प्रो.सुमन लता ने कहा कि इस समय विभाग में लगभग 35 शोधार्थी कार्य कर रहे हैं, 20 विद्यार्थी केमिस्ट्री विभाग से पीएचडी कर चुके हैं। यही कारण है कि पोस्ट डॉक्टरेट करने के लिए रितु फिनलैंड व नीरू को अमेरिका के विश्वविद्यालय से कर रहे हैं। आईआईएससी, बैंगलोर में  नीरू, रितु व अरविंद बड़क ने पीएचडी की। केमिस्ट्री विभाग से नेट व जेआरएफ 32 विद्यार्थी कर चुके हैं। प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर विभागाध्यक्षा प्रो.सुमन लता, सह प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डा. राजेंद्र सिंह मलिक, डा.सोनिया नैन, डा.सुमित मलिक व डा. कृष्ण कुमार हैं।

 

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