सोनीपत: डीसीआरयूएसटी में प्रारंभ हुआ आगाज सांस्कृतिक उत्सव
डीसीआरयूएसटी,मुरथल में छात्र कल्याण विभाग द्वारा कला उत्सव आगाज में तीन विश्वविद्यालयों से लगभग 300 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मदवि, रोहतक के युवा कल्याण निदेशक डा.जगबीर सिंह राठी थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने की।
- मदवि के युवा कल्याण निदेशक डा.राठी के हरियाणवी गानों पर जमकर झूमे विद्यार्थी
- तीन विश्वविद्यालयों से लगभग 300 प्रतिभागी दिखाएगें अपनी कला का प्रदर्शन
सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल में सांस्कृतिक उत्सव आगाज में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के युवा कल्याण निदेशक डा.जगबीर सिंह राठी के हरियाणवी गीतों पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जमकर झूमें।
डीसीआरयूएसटी,मुरथल में छात्र कल्याण विभाग द्वारा कला उत्सव आगाज में तीन विश्वविद्यालयों से लगभग 300 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मदवि, रोहतक के युवा कल्याण निदेशक डा.जगबीर सिंह राठी थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला रजनी अनायत व छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.सुखदीप सिंह सांगवान भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की समन्वयक डा.मनीषा मनचंदा व सह समन्वयक डा.रुपा राठी हैं।
डा.राठी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय तकनीक का है। डीसीआरयूएसटी के विद्यार्थी तकनीक का सदुपयोग करके सांस्कृतिक गतिविधियों में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने के माध्यम से विद्यार्थियों के अंदर आत्मविश्वास की भावना आती है। इससे युवाओं में जोश का संचार होता है।
कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि विज्ञान आपको केवल तथ्य दे सकता है। लेकिन संवेदना मानव के अंदर कला,साहित्य के माध्यम से आती है। विद्यार्थियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान का अध्ययन करके आप एक अच्छे वैज्ञानिक बन सकते हैं, लेकिन साहित्य व संस्कृति से आप अपने को अच्छा मानव बना सकते हो।
सांस्कृतिक उत्सव आगाज की शुरुआत भारतीय परंपरा के अनुसार गणेश जी स्तुति से हुई। उसके बाद विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति देनी प्रारंभ कर दी। मुख्यतिथि डा.राठी ने – गरीब न सताइये ना,बिना भूख तु खाइये ना और बिना बुलाए जाइये ना,जित बैठे हो बडें उड़ घणी जुबान लड़ाई ना गीत के माध्यम से मानवीय सीख विद्यार्थियों का दी। डा. राठी के हरियाणवी गीत बोल तेरे मीठे मीठे,बात तेरी साची लाग, मन मत पूछ तु इतनी आछी क्यों लाग पर विद्यार्थियों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
डा.राठी ने हरियाणवी गीत ओ मेरा दामन सीमा दे हो नणदी के बीरा,तन न्यू, तन न्यू ढूंगे पर राखु हो नणदी के बीरा पर विद्यार्थियों अपनी सीटों पर नाचने लगे। डा.राठी ने ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का, इस देश का यारों क्या कहना।इस देश का क्या कहना । दुश्मन के लिए हम तलवार है, दिलबर के लिए दिलदार हैं हम नामक गीत के माध्यम से डा.राठी ने विद्यार्थियों के अदंर राष्ट्र भक्ति का जज्बा भर दिया। इश्क करो तुम्हारा पदाइशी हक, लेकिन वतन की मिट्टी को महबूब बना लेना के माध्यम से माहौल को राष्ट्र भक्तिमय बना दिया।
एक टीम ने हरियाणवी गीत तु राजा की राज दुलारी,मैं सिर्फ लंगोटे आला हू, भांग रगड कर पिया कंरु, मैं कुंडी सोटे आला हू पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। हरियाणवी स्किट के माध्यम से एक छात्रा ने छात्राओं पर हो रहे उत्पीड़न की सजीव प्रस्तुति देकर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।
9 फोटो में देखें डीसीआरयूएसटी का सांस्कृतिक उत्सव
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