कार्तिक पूर्णिमा: सतकुंभा तीर्थ पर लगा मेला हजारों ने आस्था की डूबकी लगाई

श्रीमहंत ने कहा कि सेवा एक बीज है जो कभी मिटता नहीं इसका फल हर हाल में मिलता है। जब भगवान किसी पर प्रसन्न होते हैं तो वो मनुष्य को सेवा का अवसर देते हैं। इसलिए सेवा करने वालों के भंडारे भरपूर रहते हैं।

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  • सेवा का बीज मिटता नहीं हर हाल में फल मिलता है : श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी
  • चिंता मुक्त होने के लिए अध्यात्म चिंतन रामबाण: शिवाणी शर्मा
  • सतकुंभा आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए अनंत भंडारा चला

अजीत कुमार। 

गन्नौर: सतकुंभा धाम के पीठााधीश्वर श्रीमहंत राजेश स्वरुप जी महाराज ने कहा है कि उत्तरायण का समय है सेवा पाठ पूजा के लिए सभी देवी देवता अपना सांनिध्य देने के लिए अवतरित हैं। इस गंगा स्नान का महत्व इसीलिए ज्यादा है।

Kartik Purnima: Thousands immersed faith in a fair held at Satkumbha shrine
पिपली की पूजा करते हुए श्रद्धालु। 08 Snp- 2 श्री महंत राजेश स्वरुप जी महाराज जानकारी देते हुए।

श्री महंत ने कहा कि सेवा एक बीज है जो कभी मिटता नहीं इसका फल हर हाल में मिलता है। जब भगवान किसी पर प्रसन्न होते हैं तो वो मनुष्य को सेवा का अवसर देते हैं। इसलिए सेवा करने वालों के भंडारे भरपूर रहते हैं। शिवानी शर्मा ने कहा कि युवाओं को अपने अध्यात्म चिंतन आत्मसात करना है वर्तमान में विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में रहने वाले भारतीय शास्त्रों और ग्रंथों पर रिसर्च कर रहे हैं क्योंकि चिंता से मुक्त होने के लिए संतों का दिव्य रामबाण साबित हो रहा है।

Kartik Purnima: Thousands immersed faith in a fair held at Satkumbha shrine
सतकुंभा पर भंडारा लगा हुआ।

प्रबंधक सूरज शास्त्री, सत्यवान स्वरुप, पवन शास्त्री, सोमवीर शास्त्री व्यवस्थाओं के लिए समर्पित रहे। कार्तिक पूर्णिमा पर सिद्ध पीठ पर लगे मेले सुबह चार बजे से श्रद्धालुओं ने स्नान शुरु कर दिया था। सप्त ऋषियों की तप स्थली कु कंड में किया स्नान गंगा स्नान के बराबर मान्यता है। श्रद्धालुओं के लिए सब्जी पूरी, हलवा के साथ भंडारे की व्यवस्था की गई थी। जो मां, बहन, बेटियां हैं बच्चियां हैं गांव के में कार्तिक का स्नान भगवान के नाम किया आने वाली श्रद्धालु महिलाओं ने बताया कि सतकुंभा का इस क्षेत्र में बहुत महत्व है। सतकुभा पर लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की नि:शुल्क व्यवस्था की गई थी। एक ओर हवन किया जा रहा दूसरी शिव मंदिर में राम मंदिर हनुमान के मंदिर में भक्त अपनी पूजा कर रहे थे। यहां पर एक पीपल का पेड़ है जिस पर आने वाले श्रद्धालु अपनी मन्नत का धागा बांध कर जा रहे थे। मान्यता है कि भगवान के चरणों में श्रद्धालु अपनी मांग रखते हैं और मन्नत पूरी होने पर दोबारा वे माथ टेकने के लिए आते हैं।

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