75वां वार्षिक संत समागम: निरंकारी सत्गुरू माता जी द्वारा 75वें वार्षिक संत समागम सेवा का शुभारम्भ
संत समागम सेवा के शुभारम्भ के अवसर पर संपूर्ण निरंकारी जगत एवं प्रभु प्रेमीजनों को सम्बोधित करते हुए सत्गुरू माता जी ने कहा कि सेवा कि भावना पूर्ण समर्पण वाली होनी चाहिए। सेवा भाव हुक्मानुसार एवं मन को पूर्णतः समर्पित करके की जाती है तभी वह सार्थक कहलाती है।
- सेवा हुक्मानुसार एवं मन को समर्पित करके तो सार्थक होती है : माता सुदीक्षा जी महाराज
- लगभग 650 एकड़ में बसेगा टैंटों का शहर डेढ लाख सेवादल के सदस्य देंगी सेवाएं
गन्नौर/सोनीपत। संत निरंकारी मिशन को 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम 16 से 20 नवंबर को होने वाला है इसके लिए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन कर कमलों द्वारा समागम सेवा का उद्घाटन संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, गन्नौर-समालखा स्थित हल्दाना बॉर्डर पर रविवार को किया गया। संत निरंकारी मण्डल कार्यकारिणी समिति के सदस्य, केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य, सेवादल के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के अतिरिक्त विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु शामिल हुए।
समागम की समन्वय समिति कमेटी अध्यक्ष सुखदेव सिंह, एवं संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा की ओर से सत्गुरू माता जी का सबकी ओर से अभिनन्दन किया गया। दिव्य संदेश में सत्गुरू माता जी ने कहा कि सेवा कि भावना समर्पण वाली होती है। सेवा हुक्मानुसार एवं मन को समर्पित करके की जाती है तभी वह सार्थक कहलाती है। सेवा केवल कार्य रूप में नहीं अपितु उसमें जब सेवा का भाव आ जाता है तब उसकी खूशबू महकदार हो जाती है। सेवा को सदैव चेतनता से ही करना चाहिए और यह ध्यान में रखते हुए कि कभी हमारे कर्म, हमारे व्यवहार से जाने अनजाने मे भी किसी का तिरस्कार न हो। सभी का सत्कार ही करना है क्योंकि सभी संतों में इस निरंकार का ही वास है। इसी भक्ति भाव से सेवा को स्वीकार करें और मन से सिमरन करते हुए अपनी सेवाओं का योगदान देते चलें।
निरंकारी संत समागमों की श्रंखला का 75वां समागम सत्गुरू माता जी परम सांनिध्य में होगा इसमें देश एवं विदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। प्रतिदिन सेवादल के भाई-बहन और भक्तजन अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। शामियानों की एक सुंदर नगरी तैयार हो जाएगी। भक्तों के ठहरने, जलपान की मूलभूत सुविधाएं हाेंगी। प्रबंधन कार्यालय, प्रकाशन स्टाल, प्रदर्शनी, लंगर, कैन्टीन एवं डिस्पेन्सरी की सुविधाएं उपलब्ध करवायी जायेंगी। यातायात प्रबंधन के अंतर्गत इस वर्ष भी रेलवे स्टेशन, बस अड्डे एवं हवाई अड्डे से समागम में पहंुचने वाले सभी श्रद्धालुओं को लाने एवं ले जाने की व्यवस्था की जा रही है। लगभग 650 एकड़ में तैयारी की जा रही है। अनेकता में एकता का अनुपम दृश्य प्रदर्शित होगा।
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